Ayodhya Ram Mandir के मुख्य पुजारी कौन है?

Ayodhya Ram Mandir: कौन है पंडित Mohit Pandey जिन्हें 3000 लोगों की कठिन परीक्षा में मिला अव्वल दर्जा?

क्या यह 22 वर्षीय युवक संभाल पाएगा Ayodhya Ram Mandir के एक मुख्य पुजारी की भूमिका?

अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि के उद्घाटन के लिए तैयारियां जोरों-शोरों से चल रही हैं। एक ओर जहां प्रभु श्रीराम की नगरी को दुल्हन की तरह सजाया जा रहा है, वहीं दूसरी ओर पिछले 1 साल से राम जन्मभूमि मंदिर के पुजारी पद की भर्ती प्रक्रिया चल रही है, जिसमें करीब 3000 पंडितों ने इस महान मंदिर के पुजारी पद को हासिल करने के लिए कठिन परीक्षा और इंटरव्यू दिए हैं।

इसी बीच खबर आ रही है कि उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में रहने वाले 22 वर्षीय Mohit Pandey का अयोध्या राम मंदिर में मुख्य पुजारी के रूप में चयन कर लिया गया है।

तो आखिर Mohit Pandey कौन हैं? जो आचार्य सत्येंद्र दास के उत्तराधिकारी बनेंगे? मोहित में ऐसे क्या गुण हैं, जो 3000 विद्वानों को पीछे छोड़कर अयोध्या राम मंदिर के मुख्य पुजारी बनने के लिए पात्र साबित हुए हैं, इस article के अंत तक जानने के लिए जुड़े रहें।

अयोध्या के भव्य राम जन्मभूमि मंदिर में राम लल्ला की नियमित रूप से सेवा करना काफी जिम्मेदारी का काम है और यह जिम्मेदारी पिछले 31 सालों से Acharya Satyendra Das पूरी निष्ठा से निभाते आए हैं। इन्होंने अपना पूरा जीवन राम लल्ला की सेवा में अर्पित कर दिया है । आपको बता दें कि संत कबीर नगर में जन्मे सतेंद्र दास को बचपन से ही प्रभु श्रीराम में काफी लगाव था।

सन् 1958 में, अयोध्या में एक अहम घटना घटी थी, जिसने  इस स्थान को हमेशा के लिए प्रसिद्ध बना दिया। 90 के दशक में, राम मंदिर और बाबरी मस्जिद के विवाद के समय, Acharya Satyendra Das को राम जन्मभूमि मंदिर के मुख्य पुजारी के रूप में चुना गया था। तब से लेकर आज तक, आचार्य जी ने इस पवित्र कर्तव्य को पूरी निष्ठा से निभाया है और वे अब भी नए राम जन्मभूमि मंदिर में प्रमुख पुजारी के रूप में सेवा करेंगे।

लेकिन आचार्य जी की उम्र 85 साल की हो गई है, इसलिए उन्होंने उत्तर प्रदेश सरकार से मंदिर के मुख्य पुजारी के उत्तराधिकारी का चयन करने की बात रखी थी। उनका उद्देश्य यह था कि वे रिटायर होने से पहले नए पुजारी को पूजा-अर्चना और अन्य नियमों का विस्तार से अध्ययन करा सकें। इसलिए, 2023 में उत्तर प्रदेश सरकार ने राम मंदिर के पुजारी की भूमिका के लिए चयन प्रक्रिया की शुरुआत की, जिसमें 3000 पंडितों में से 22 वर्षीय मोहित पांडे को मुख्य पुजारी के रूप में चुना गया।

इस भर्ती प्रक्रिया में कुछ शर्तें थीं:

आवेदक की उम्र 20 से 30 साल के बीच होनी चाहिए।

पारंपरिक गुरुकुल शिक्षा अनिवार्य थी।

आवेदक श्री राम नंदनीय सेवा से युक्त, यानी दीक्षा से युक्त होना चाहिए।

प्रक्रिया में से 3000 पंडितों ने आवेदन किया था, जिनमें से 200 उम्मीदवारों को इंटरव्यू के लिए चुना गया, जिसमें Mohit Pandey का नाम भी था। इंटरव्यू बहुत ही सख्त था क्योंकि इसमें वृंदावन के प्रसिद्ध हिंदू उपदेशक जयकांत मिश्रा और अयोध्या के दो महंत मिथिलेश नंदिनी शरण और सत्यनारायण दास भी शामिल थे, जो हिंदू धर्म से संबंधित सभी ज्ञान के माध्यम से बहुत अच्छे जानकार हैं।

इस संदर्भ में, 200 पंडितों का चयन हो गया था, जो अपनी तैयारी में व्यस्त थे और इंटरव्यू की तारीख के नजदीक अयोध्या पहुंच गए। उन्हें अयोध्या में विश्व हिंदू परिषद के मुख्यालय, कार सेवक पुरम, में इंटरव्यू दिया जाना था। लंबे इंटरव्यू के दौरान, राम मंदिर तीर्थ ट्रस्ट के पैनल ने उम्मीदवारों से कई महत्त्वपूर्ण प्रश्न पूछे थे।

इंटरव्यू के दौरान, बहुत से प्रश्न राम लल्ला की पूजा और अर्चना से जुड़े थे। उनमें शामिल थे – राम नंदीय परंपरा का विवरण, संध्या बंदन की विधि, इसके मंत्र और कर्मकांड का महत्त्व। इसके अलावा, भगवान श्री राम की पूजा के लिए प्रयोग होने वाले मंत्र भी पूछे गए।

ये सवाल बहुत महत्त्वपूर्ण थे, क्योंकि राम मंदिर की सेवा और Acharya Satyendra Das के उत्तराधिकारी बनना बड़ी जिम्मेदारी मानी जाती है। इसलिए, उन पंडितों की योग्यता को उनके ज्ञान और अनुशासन पर मूल्यांकन किया गया था। इस परीक्षा को आसान शब्दों में एक तरह की ‘पंडिताई’ का UPSC इंटरव्यू माना जा सकता है, जिसमें पैनल ने मेरिट लिस्ट तैयार की और 21 पुजारियों का चयन किया गया। इनमें से एक मुख्य पुजारी और 20 सहायक पुजारियों के रूप में थे।

Mohit Pandey का नाम सबसे ज्यादा चर्चित है, क्योंकि इस 22 वर्षीय युवक ने बड़े-बड़े विद्वान पंडितों को पीछे छोड़ा और अपने कौशल से मुख्य पुजारी बनने की रेस में उन्हें पहचान दिलाई। पैनल के अलावा, Acharya Satyendra Das जी ने भी मोहित को बड़ा पसंद किया। लेकिन क्या है वो खूबियाँ जो इन्हें सबसे विशेष बनाती हैं, यह बात अभी तक स्पष्ट नहीं है।

वेद विद्यापीठ के आचार्य लक्ष्मीकांत पाढ़ी ने बताया कि Mohit Pandey सीतापुर के रहने वाले हैं। जहां 10 साल की उम्र में ज्यादातर बच्चे खेलकूद में लगे होते हैं, वहाँ से ही मोहित ने रामायण, महाभारत, और वेदों का अध्ययन शुरू किया था। उन्होंने दुगदर नाथ वेद विद्यापीठ से सामवेद की शिक्षा प्राप्त की थी। इसके बाद, उन्होंने आचार्य की शिक्षा के लिए तिरुपति जाने का निर्णय लिया। उन्होंने छोटी उम्र में ही आचार्य बनने के बाद ‘पंडिताई’ में PHD की पढ़ाई शुरू की थी।

Mohit Pandey रोज प्रातः काल उठते हैं, नहा धोकर मंदिर में जाते हैं और ईश्वर की पूजा-अर्चना करते हैं। इसके बाद, वे अपने अध्ययन में लग जाते है। उन्हें वेदों और पुराणों के बारे में जानने में बड़ी रुचि है। वे अक्सर एक ही जगह बैठकर घंटों तक अध्ययन करते हैं। मोहित का जीवन सादगी से भरा है, वे सादा भोजन करते हैं, सादे वस्त्र पहनते हैं और हमेशा सिर पर टीका लगाते हैं, रोजाना ध्यान करते हैं और सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखते हैं।

इन सब गुणों ने Mohit Pandey को अन्य उम्मीदवारों से विशेष बनाया है। बताया जा रहा है कि राम जन्मभूमि मंदिर के लिए चुने गए अन्य 20 पुजारियों के साथ Mohit Pandey को भी 6 महीने की ट्रेनिंग के लिए भेजा गया है, जहां उन्हें अपनी जिम्मेदारियों को सटीकता और निष्ठा से निभाने के लिए तैयार किया जाएगा। इस ट्रेनिंग के बाद, उन्हें मंदिर में पूजा-अर्चना का कार्य संभालने का मौका मिलेगा। इसके अलावा, उन्हें राम नंदी पूजा करने की विशेषताएं सिखाई जाएँगी। इस प्रक्रिया के बाद, सभी पुजारियों को आचार्य सतेंद्र दास की निगरानी में मंदिर में कार्य संपन्न करने का मौका मिलेगा। अगर वे इस ट्रेनिंग में सफल रहेंगे, तो उन्हें पुजारी के रूप में नियुक्ति की जाएगी।

हालांकि कुछ लोगों ने Mohit Pandey को अभी से ही मंदिर का मुख्य पुजारी मान लिया था, मगर इसी बीच श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने एक पोस्ट के जरिए इन खबरों को गलत बताया है और कहा है कि कृपया भ्रामक खबरों पर ध्यान ना दें। इंटरव्यू में उन्होंने यह भी कहा है कि राम मंदिर के पुजारी सतेंद्र दास हैं और कोई नया पुरोहित नहीं चुना गया है। हालांकि इंटरव्यू के बाद 21 लोगों का चयन किया गया है, लेकिन उन्हें अभी 6 महीने की ट्रेनिंग दी जानी है। उसके बाद उनकी योग्यता पर निर्णय लिया जाएगा।

आगे उन्होंने यह बताया कि यह सत्य है कि Acharya Satyendra Das बुजुर्ग हैं, लेकिन अभी भी वह मुख्य पुजारी के दायित्व को निभा रहे हैं और उनके उत्तराधिकारी का नाम अभी तक तय नहीं हुआ है। यानी कि Mohit Pandey ने भले ही परीक्षा पास कर ली है, लेकिन क्या वह मंदिर के मुख्य पुजारी बनेंगे या नहीं, यह अभी तक तय नहीं है।

इस समय, बता दें कि 22 जनवरी 2024 को राम जन्मभूमि मंदिर के गर्भगृह में राम लल्ला की प्राण प्रतिष्ठा होगी, जिसकी जिम्मेदारी Acharya Satyendra Das जी को प्राप्त है। इसके बाद, राम नंदी पूजा पद्धति के अनुसार श्रीराम की पूजा होगी और 24 जनवरी 2024 को इस भव्य मंदिर का उद्घाटन समारोह होगा।

बता दें कि प्रभु श्रीराम की स्तुति के लिए नई पोथी यानी किताब पेश की जाएगी, जिसकी रचना हो चुकी है और उसे अंतिम रूप देने का काम चल रहा है।

तो, दोस्तों, आप किस शहर से हैं और क्या आपको प्रभु श्रीराम के दर्शन करने की इच्छा है? कृपया कमेंट्स में जरूर बताएं और राम जन्मभूमि मंदिर के बारे में यह लेख साझा करें। इसी तरह की नवीनतम जानकारी के लिए इस वेबसाइट को सब्सक्राइब करें और घंटी दबाएं।

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